My ghazal, of which few shers were recited in parliament by PM, Shri Narendra Modi and also by opposition leader Shri Mallika Arjun Khadge on 7th Feb.

मेरी वो ग़ज़ल जिसके चंद शेर PM श्री नरेन्द्र मोदी और विपक्ष के नेता श्री मल्लिका अर्जुन खड़गे साहब ने संसद में 7th Feb को पढ़ी

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One thought on “jab kabhi jhooth ki basti…

  1. प्रमोद राजपूत कृत आ जी लें ज़रा उन पुस्तकों में से एक है जो हाथ लगते ही विराम न लेते हुए पढ़ी जा सकती है!
    जिंदगी के मर्म भरे सम्वेदनशील क्षणों को जी भरकर जिसने जिया हो वही इस तरह ज़रा ज़रा करते हुए पूरा जी लेते हैं!
    मुझे आनंद हो रहा है यह व्यक्त करते हुए कि कुछेक नज्म और गीतों में हर कोई अपने को पा सकता है!
    भीम ठटाल
    अध्यक्ष
    हिन्दी साहित्य सेवा समिति
    सिक्किम, भारत!

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