तुम यूँ उदास न रहा करो / Tum Yoon Udas Na Raha Karo…
इस ज़िन्दगी की किताब का हर वरक़ है नयी दास्ताँ कोई मिल गया किसी मोड़ पे तो कभी खो गया है कारवाँ इसी
कुछ मेरी क़लम से ~ Kuchh Meri Kalam Se
इस ज़िन्दगी की किताब का हर वरक़ है नयी दास्ताँ कोई मिल गया किसी मोड़ पे तो कभी खो गया है कारवाँ इसी
उस पल भी तुझे समझता था जब तू बोल न पाती थी पँखड़ी से ये नाज़ुक लब जब तू खोल न पाती थी
मेरे इश्क़ पे, आज हँस ले ज़माना, वादा है मेरा, वो दिन आयेगा छू लेगा बुलँदी, ये इश्क़ मेरा, होगा मेरा सवेरा, वो
ये मतलब की दुनिया है प्यारे तू चल अपने दिल को सम्भाले तेरे अपने हीं तोड़ेँगे दिल को चाहे कितना भी ख़ुद को
मेरी रातें कितनी तनहा थी दिन में कितने झमेले थे ना बचपन के थे सँगी साथी जो साथ कभी मेरे खेले थे था
ये जो दर्द मिला तेरे जाने से, मेरे हीं दिल का किराया है कुछ वादे हैं,कई कसमें हैं,और एक ख़्वाब अभी बकाया है
1. उसने करम किया भी, तो किश्तों में मेरे साथ मुझ पर नज़र भी डाली,तो तिरछी निगाह से 2. एक मैं हीं नहीं
जो लोग तुम्हें जन्नत के झूठे ख़्वाब दिखाते हैं बचपन जवानी में तुम्हें गुमराह बनाते हैं रख ख़ुदगर्ज़ी की ताक पर इस्लाम के
जब कभी झूठ की बस्ती में, सच को तड़पते देखा हैतब मैंने अपने भीतर किसी, बच्चे को सिसकते देखा है माना तू सबसे
संसद में पीएम मोदी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपनी राजनीतिक बहस में गजल के जो चंद मिसरे पढ़े, उस गजलकार का नाम है